संभल दीपा सराय के उलेमाओ ने दिया एसडीएम को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन !
म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार पर लगाने के लिए उलेमाओं ने भारत सरकार से हस्तक्षेप की मांग की गई है। उलेमाओं ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन एसडीएम को सौंपकर कहा कि भारत जुल्म के खिलाफ आवाज उठाये। म्यामार में किये जा जा रहे जुल्मों से मानवता भी शर्मसार हो रही है। मंगलवार को मदरसा अजमल उल उलूम में आयोजित उलेमाओं की बैठक में जुल्म को लेकर वर्मा हुकूमत के खिलाफ विचार विमर्श किया गया। बैठक में मुफ्ती अलाउद्दीन अजमली ने कहा कि इस सदी में वर्मा सरकार ने सबसे शर्मनाक काम किया है। इन करतूतों की वह से उसे आतंकवादी का नाम देना ही सही होगा। मुफ्ती आरिफ ने कहा कि वर्मा में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटनाएं हो रही हैं और वहां की सरकार खामोश है। मुफ्ती आलम रजा खान नूरी ने कहा कि औरतों और बच्चों का कत्ल हो रहा है। मौलाना नूर आलम ने कहा कि वर्मा में लोगों को जिंदा भी जलाया जा रहा है, जो मानवता पर कलंक है। कारी तंजीम अशरफ ने कहा कि इस्लाम भाइचारे का पैगाम देता है। इसके बाद भी वहां पर रोहिंग्या मुसलमानों पर अत्याचार किए जा रहे हैं। बैठक के बाद कारी अलाउद्दीन अजमली के नेतृत्व में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा गया। जिसमें भारत सरकार से मामले में पड़ोसी होने के नाते हस्तक्षेप करने की मांग की गई है। जिससे वहां पर रहने वाले रोहिंग्या मुसलमानों को सुरक्षा के साथ इंसाफ और उन पर जुल्म करने वालों को मिल सके। इस दौरान मुफ्ती आलम रजा खां नूरी, कारी मुस्तफा हसन, मौलाना जहीर उल इस्लाम, मौलाना अहमद अशरफ, मौलाना कारी वसी अशरफ, मौलाना शकील, मुफ्ती इकराम, कारी अशरफ, मौलाना रईस, मौलाना कामिल, मुफ्ती अशफाक, कारी हसन नवाज, मौलाना अब्दुल हफीज, मौलाना मुहम्मद हसन, कारी मुहम्मद इकराम, कारी बिलाल, मौलाना शकील समेत कई अन्य मौजूद रहे। वेलफेयर पार्टी ने भी दिया ज्ञापन वेलफेयर पार्टी आफ इंडिया के अध्यक्ष डा. रिजवान अहमद ने भी राष्ट्रपति को पत्र भेजा है। जिसमें म्यांमार की सेना द्वारा रोहिंग्या लोगों के नरसंहार के साथ महिला और बच्चों को मारा जा रहा है। जो मानवाधिकार का खुला उल्लंघन है। उन्होंने इस नरसंहार को रोकने के लिए हस्ताक्षेप करने की मांग की है।साथ ही देश में शरण लिए हुए रोहिंग्याई शरणार्थियों को वापस न भेजने की मांग की।क्योंकि अपने देश के मुसलमान वहां पर अपने धर्म के लोगों पर हो रहे अत्याचार से चिंतित है।