Zainab Ansari Rape & Murder Case : Full Inside Story

Sambhal News: People in the city of Kasur are angry. On January 4, after the sexual harassment and assassination of Zainab Ansari, a six-year-old girl, who had disappeared from the way while going for a class of Quran, the riot has risen in the city itself.

Zainab was seen for the last time holding a hand of an unknown man in a CCTV footage. A few days later, his body was found in a garbage pile
According to the documents from the police, from the year 2017 till now 10 similar cases have been reported in the city.

Investigators have got the same DNA marks from the bodies of six victims, including Zainab.

All the six girls had lost their home from their house, and after the murder of all, they found their body in the garbage or empty houses nearby. From where his family lives in radius of three kilometers.

(From  (BBC) 
I feel like the same fears as I did five years ago today, when Nirbhaya gangrap was on the moving bus on the streets of Delhi.

Zainab Rape & Murder Case Full Story
Zainab Ansari was murdered on 4 Jan 2018 in Kasur, Pakistan

मुझे अच्छी तरह याद है कि उस समय मैं किस हद तक डर गई थी, बीमार हो गई थी, मेरे भीतर असुरक्षा की भावना घर कर गई थी. ऐसे मौकों पर दो देशों के दरमियां जो दूरियां होती हैं वे मायने नहीं रखती.

ऐसा ही वाकया अब पाकिस्तान में हुआ है. लगभग हफ़्ते भर से ज़्यादा का वक्त गुज़र चुका है इस घटना को हुए, कसूर की रहने वाली सात साल की मासूम ज़ैनब के साथ पहले रेप किया गया और फ़िर उसकी निर्मम हत्या कर दी गई.

मैं एक बार फ़िर दुखी हूं, निराश हूं, परेशान हूं.
हर रोज होते हैं 11 यौन शोषण के मामले दर्ज़

इस घटना के बाद से ही पूरे मुल्क में एक तरह का गुस्सा फ़ैल चुका है. पिछले कुछ ही दिनों में यौन शोषण के दर्जनों मामले दर्ज़ किए गए हैं.

ऐसा नहीं है कि इस तरह की घटना से गुज़रने वाली ज़ैनब पहली लड़की है. इस्लमाबाद स्थित बाल अधिकार संगठन 'साहिल' के अनुसार पाकिस्तान में रोज़ाना बाल यौन शोषण के औसतन 11 मामले दर्ज़ किए जाते हैं. कई लोगों का मानना है कि ज़ैनब की घटना ने पानी सिर से ऊपर पहुंचा दिया.

साल 2016 में पंजाब (पाकिस्तान) पुलिस के प्रमुख ने कोर्ट ने जो आंकड़े पेश किए थे उनके अनुसार पंजाब प्रांत में 10 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ रेप के 107 मामले दर्ज़ किए गए. पिछले साल यही आंकड़ा बढ़कर 128 हो गया.
Justice For Zainab

इन मामलों दोषियों के पकड़े जाने की दर को देखें तो हमारा सिर शर्म से झुक जाएगा. साल 2017 में एक भी व्यक्ति इन मामलों गिरफ्तार नहीं हुआ.

    'मेरी बच्ची कहती है, अम्मा मैं भी ज़ैनब हूं'

    ज़ैनब जैसी मासूमों के लिए कितना ख़तरनाक है पाकिस्तानी इलाक़ा कसूर?


साहिल एनजीओ की कार्यकारी निदेशक मनीज़ बानो कहती हैं, ''कई दफ़ा पुलिस के पास पुख्ता सबूत नहीं होते, कई मौकों पर कानूनी पेचीदगियों की वजह से रेप के ये मामले अनसुलझे ही रह जाते हैं.''

''लेकिन फ़िर भी मेरा मानना है कि यह सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वह आरोपियों को हिरासत में ले और पीड़ितों तक न्याय पहुंचाए, यह प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह समाज को सुरक्षित महसूस करवाए.''

दिल्ली में निर्भया कोई पहली लड़की नहीं थी जिसके साथ रेप हुआ था. लेकिन उस घटना ने लोगों के दिलों को झकझोर दिया था, पूरा देश जैसे इस वीभत्स घटना से खुद को पीड़ित महसूस करने लगा और उन्होंने इसी गुस्से के उबार में सड़कों पर कब्जा कर लिया.

निर्भया के आरोपियों को सज़ा हुई और निर्भया की मौत हिंदुस्तान के लिए एक ऐतिहासिक घटना के रूप में दर्ज हो गई.
Nirbhaya Case Delhi India
Nirbhaya Case India

कुछ ऐसा ही गुस्सा पाकिस्तान की सड़कों पर भी दिख रहा है. ज़ैनब के साथ रेप और फ़िर उसकी हत्या ने यहां की आम जनता को हिला कर रख दिया है. लोग इसे भूल नहीं पा रहे. पाकिस्तान के लोग ठीक वैसा ही महसूस कर रहे हैं जैसा कुछ साल पहले भारत के लोगों ने किया था.

इस गुस्से और नाराज़गी की वजह भी बहुत साफ़ है. कसूर में पिछले एक साल में 12 लड़कियों का रेप हो चुका है. कानून प्रवर्तन एजेंसियां के मुताबिक इन 12 में से 9 लड़कियों के साथ कम से कम एक आदमी ने रेप किया है.

ज़ैनब बलात्कार और हत्या के केस ने  साल 2015 की यादों को ताज़ा कर दिया है. उस वक्त कसूर में एक सेक्स स्कैंडल का पता चला था जिसमें हुसैन ख़ान वाला गांव में सैकड़ों बच्चों का यौन शोषण किया जाता और फ़िर मोबाइल फोन से उनकी फिल्म बनाई जाती. इस घटना ने पूरे देश को हैरान कर दिया था.

इस घटना के एक साल बाद पाकिस्तानी संसद में एक कानून पास किया गया जिसमें नाबालिगों के साथ यौन शोषण को अपराध घोषित कर दिया गया, और इस अपराध के लिए सात साल तक की सज़ा तय की गई. इससे पहले के कानून में रेप को अपराध घोषित किया गया था.


लेकिन क्या कानून बनने के बाद कूसर के बच्चों को न्याय मिल पाया? इस सवाल का जवाब है 'नहीं'. बच्चों के साथ यौन शोषण के मामले में सिर्फ दो लोगों पर ही आरोप साबित हो सके, दर्जनों आरोपी या तो बरी हो गए या फ़िर उन्हें बेल मिल गई.
Zainab Suspect's in CCTV
Suspect in CCTV

यही वजह है कि लोग ज़ैनब के मामले को खत्म नहीं होने देना चाहते, वे मीडिया पर इस मुद्दे पर लगातार बहस ज़ारी रखना चाहते हैं. कुछ लोगों का मानना है कि यह सरकार की नाकमी है वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो ज़ैनब के साथ हुई घटना के लिए उसके माता-पिता और समाज को दोषी ठहरा रहे हैं.

हालांकि हर गुज़रते दिन के साथ जनता के बीच मायूसी बढ़ती जा रही है. कोर्ट पुलिस के लिए डेडलाइन आगे खिसकाती जा रही है और पुलिस अपनी जांच के दायरे को विस्तार दे रही है, लेकिन अभी तक इसका नतीज़ा सिफ़र ही रहा है.

बहुत से कार्यकर्ता दोषियों को पकड़ने के लिए रैलियां कर रहे हैं, वे मांग कर रहे हैं कि जिम्मेदार पेरेंटिंग के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव की ज़रूरत है, वे चाहते हैं कि बच्चों को उन विषयों के बारे में बताया जाए जिन पर बात करने से अक्सर झिझक महसूस होती है.
ज़ेनब रेप केस: "अपनी बेटी में ज़ेनब का चेहरा दिखता है"
Kiran Naz with her child
Pakintani Anchor Kiran Naz with her child in Live News

इस बीच एक निजी समाचार चैनल की एंकर अलग अंदाज़ में ख़बरें पढ़ती नज़र आईं. समा ​टीवी की एक एंकर किरन नाज़ गुरुवार को एक बुलेटिन में अपनी बच्ची को लेकर आईं और उसे गोद में बैठाकर ज़ैनब की ख़बर दी.
'जनाज़ा जितना छोटा, उतना भारी'

बुलेटिन की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा, ''आज में किरन नाज़ नहीं हूं बल्कि एक मां हूं और इसलिए आज मैं अपनी बच्ची के साथ बैठी हूं. जनाज़ा जितना छोटा होता है उतना ही भारी होता है और पूरा समाज उसके बोझ तले दब जाता है.''

जब संभल न्यूज़ ने उनसे ऐसा करने की वजह पूछी तो उन्होंने कहा, ''मेरे लिए खुद को कंट्रोल करना बहुत ज़्यादा मुश्किल था, मैं रात भर सो नहीं सकी और सोचती रही. मैं जब अपनी बेटी की तरफ चेहरा करती थी तो मुझे अपनी बेटी की आंखों में ज़ैनब का चेहरा नज़र आ रहा था.''


इस मामले को लेकर भारत में जैसी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है, उससे पाकिस्तानी एंकर काफ़ी खुश हैं.

उन्होंने कहा, ''मुझे दिल से खुशी हो रही है जिस तरह भारत इस मामले को उठा रहा है और मीडिया इसे सपोर्ट कर रहा है.''

''मैं चाहती हूं कि चाहे यह यहां हो या फिर सरहद के उस पार हो, बस अब ख़त्म होना चाहिए.''

इन आवाज़ों को बुलंद करने वालों में एक हैं अभिनेता एहसान ख़ान. कुछ साल पहले उन्होंने बाल यौन शोषण के मुद्दे पर बनी फ़िल्म 'उदारी' में अभिनय किया था, उस समय उन्हें और उनकी टीम को बहुत ज़्यादा आलोचना सहनी पड़ी थी.

दर्शकों का कहना था कि इस फिल्म में असामाजित सामग्री दिखाई गई है और तब पाकिस्तान की मीडिया रेगुलेटरी ऑथोरिटी ने चैनल से उस फ़िल्म को कुछ वक्त के लिए बंद कर देने का आदेश सुनाया था.

बीबीसी से बात करते हुए एहसान ख़ान ने कहा, ''हम इस तरह की घटनाओं को हमेशा छिपाने की कोशिश करते हैं, यौन शोषण के पीड़ितों के साथ हम गरिमा और सम्मान से पेश नहीं आते.''
क्या पाकिस्तान की 'निर्भया' साबित हो पाएगी ज़ैनब?

इस समय समाज में बदलाव की एक लहर सी नज़र आ रही है. सोशल मीडिया के ज़रिए लोग अपने दिल की बात सामने रख रहे हैं, इनमें कई सेलिब्रिटी भी शामिल हैं. वे बता रहे हैं कि उनके साथ भी यौन शोषण की घटनाएं हो चुकी हैं.

जिस तरह ज़ैनब के दोषियों की तलाश ज़ारी है, क्या पाकिस्तान का समाज अपनी आत्मा के भीतर इस बात की तलाश कर पाएगा कि उन्हें यौन शोषण के प्रति अपने नज़रिए में भी बदलाव लाना होगा?

भारत में निर्भया की हत्या की बाद कई चीज़ें बदली. युवाओं के बीच इस बात पर रज़ामंदी बढ़ी है कि वे किस तरह का जीवन जीना चाहते हैं, 'जेंडर सेंसिटाइजेशन' पर भारत में अब चर्चा होती है, महिलाओं के प्रति समाज की सोच बदलने के लिए बहुत से अभियान चलाए गए, महिलाओं को अलग-अलग तरह का काम करने के लिए प्रोत्साहित किया गया, स्कूलों के पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया, महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाली हिंसा को आपराधिक श्रेणी में शामिल किया गया, और इन तमाम कोशिशों से महिला सशक्तिकरण को नई ताकत मिली.
Protest For Zainab Murder Case


लेकिन क्या इसे पाकिस्तान के लिए 'निर्भया' जैसा वाकया समझा जाए?

After the killing of Zainab, will the anger within the people come to a certain conclusion?

Will the future of the rest of the world remain secure?

And will this anger be cold even after some time in this waiting that the next round will be raped with another Zenab, then murder will be done and the people will show their anger again?
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History says that as a country (Pakistan), we are suffering from 'Short Term Memory Syndrome'. (Source BBC)
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