इस बार दो-दो अलविदा और दो-दो ईद ! एनबीटी संवाददाता, लखनऊ


15 जून को जुमे के दिन होगा 30वां रोजा, 29वें रोजे को चांद निकला तो जुमे को पड़ सकती है ईद, एहतियातन 8 जून को पढ़ाई जाएगी अलविदा की नमाज


इस बार रमजान में रोजेदारों को दो अलविदा की नमाज का तोहफा मिल सकता है। दरअसल, इस बार तीसवां रोजा जुमे को है। ऐसे में अगर 29वें रोजे यानी जुमेरात को ईद का चांद निकलता है तो जुमे को ईद हो जाएगी !

इस कारण आने वाले जुमे यानी 8 जून को शहर की मस्जिदों में अलविदा की नमाज पढ़ाई जाएगी। वहीं, अगर जुमेरात को ईद का चांद नहीं निकलता तो 15 जून को दोबारा अलविदा की नमाज पढ़ाई जाएगी। यही नहीं, कई लोगों ने इस बार एक दिन बाद रोजे रखे थे। ऐसे में इन लोगों का 29वां रोजा शुक्रवार को होगा। ऐसे लोग शुक्रवार को आखिरी रोजा रखकर शनिवार को ईद मनाएंगे। ऐसे में पूरी संभावना है कि इस बार दो दिन ईद मनाई जा सकती है।

टीले वाली मस्जिद के इमाम मौलाना शाह फजले मन्नान ने बताया कि जब भी जुमे को 30वां रोजा पड़ता है तो एहतियात के तौर उससे पहले वाले जुमे को अलविदा की नमाज पढ़ाई जाती है। इसकी वजह यह है कि अगर 29वीं रमजान को चांद निकल आता है तो जुमा नहीं मिलता। इससे अलविदा की नमाज छूट सकती है। दस साल पहले भी ऐसा ही हुआ और मस्जिदों में दो अलविदा की नमाज पढ़ाई गई थी। कुछ लोगों में यह भ्रांति भी है कि रमजान में एक ही अलविदा होता है, दूसरा जुमा सामान्य जुमे की नमाज का होता है। यह तो अल्लाह की तरफ से रोजदारों को एक तरह से तोहफा होता है।

एक तबका पढ़ेगा सिर्फ एक अलविदा

मुस्लिमों में भी तबका एक ऐसा है, जो सिर्फ एक ही अलविदा की नमाज पढ़ेगा। दरअसल, इस बार कई लोगों ने एक दिन बाद रोजे रखे थे। ऐसे में 15 जून को पड़ने वाला जुमे पर इन लोगों का 29वां रोजा होगा। ये लोग इसी दिन अलविदा की नमाज पढ़ेंगे। मौलाना इरफान मियां फरंगी महली ने बताया कि हम 15 जून को ही अलविदा की नमाज पढ़ाएंगे।
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