मुलायम सिंह नहीं चाहते थे डॉ शफीक उर रहमान को टिकट देना
सपा के टिकट को लेकर स्थानीय नेताओं में मचे घमासान के बीच अपर्णा यादव को संभल से उम्मीदवार बनाने को लेकर पार्टी में गहन मंथन हो रहा था। खुद मुलायम सिंह यादव अपने पुराने गढ़ संभल से अपनी (पुत्रवधु) छोटी बहू अपर्णा यादव को लोकसभा चुनाव लड़ाना चाहते थे। मगर पुत्र अखिलेश यादव ने पिता की बात एक कान से सुनकर दूसरे कान से अनसुनी कर दी ! और टिकट संभल दीपा सराय के पुराने, कर्मठ, जुझारू, तुर्क बिरादरी से आने वाले पूर्व सांसद डॉ शफीकुर रहमान बर्क को दे दिया ! जिससे स्थानीय सभी नेता भी सकते में आ गए हैं ! सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव 1998 में संभल सीट से चुनाव मैदान में उतरे तो संभल की जनता ने उन्हें डेढ़ लाख से ज्यादा वोटों से जिताया था। इसके बाद 1999 के लोकसभा चुनाव में भी संभल ने उन्हें जीत दिलाई। अगले 2004 के चुनाव में मुलायम सिंह यादव के चचेरे भाई रामगोपाल यादव को संभल से चुनाव लड़ने के लिए भेजा तो रामगोपाल रिकार्ड वोटों से जीते। 2009 के लोकसभा चुनाव से पहले ही संभल सीट का परिसीमन बदलते हुए यादव बाहुल्य गुन्नौर व बिसौली सीटों को बदायूं सीट से जोड़ दिया गया तो फिर बदले हालात में मुलायम परिवार का कोई सदस्य संभल सीट से चुनाव लड़ने के लिए नहीं आया। इस बार सपा-बसपा गठबंधन की वजह से बदले हालात में एक बार फिर मुलायम परिवार संभल सीट पर वापसी की तैयारी में है। पिछले एक साल से मुलायम परिवार के अलग अलग सदस्यों की संभल से चुनाव लड़ने को लेकर चर्चा चलती रही है। पहले प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने मन बनाया था तो बाद में डिंपल यादव और खुद अखिलेश यादव के भी इस सीट से चुनाव लड़ने को लेकर मंथन हुआ। चुनाव का ऐलान हो जाने के बाद अब मुलायम के दूसरे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव को सपा-बसपा गठबंधन उम्मीदवार के रूप में संभल लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारने की बात कही जा रही थी !
अखिलेश यादव संभल से लड़ेंगे लोकसभा चुनाव 2019
मुलायम सिंह चाहते थे छोटी बहू अपर्णा यादव को संभल से टिकट