सम्भल के 23 गांव जो अमरोहा में होना चाहते हैं शामिल
जिले के असमोली क्षेत्र के 23 गांवों के लोग अपने गांव को अमरोहा में शामिल कराने के लिए कई वर्षो से मांग करते आ रहे हैं, लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हो सकी है। सम्भल जिला मुख्यालय की दूरी इन गांवों से लगभग 66 किलोमीटर है जबकि अमरोहा महज 15 किलोमीटर की दूरी पर है। ऐसे में ये लोग अपनी सहूलियत के लिए अमरोहा में शामिल किए जाने की मांग कर रहे हैं। इस बार यह मुद्दा चुनावी बन गया है। इन गांवों के लोगों ने चुनाव बहिष्कार का एलान भी कर दिया है।
अलिया नेकपुर न्याय पंचायत के 23 गांवों को अमरोहा में शामिल करने की मांग
सम्भल जनपद की अलिया नेकपुर न्याय पंचायत के 23 गांवों को अमरोहा में शामिल करने की मांग पिछले कई वर्षो से की जाती रही है। यह गांव अमरोहा जिला मुख्यालय के काफी करीब हैं। सपा सरकार में प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजे गए थे। भाकियू भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाती रही है।
सम्भल जिले की अलिया नेकपुर न्याय पंचायत के अलिया नेकपुर, मिलक, धामपुर, खूनपुर, भवालपुर, हाजीपुर, मुंगरेजपुर, नूरपुर, भट्टे की मंढैया, जीहल, हरियाना, राजीखेड़ा, असावर, महेशरा, भवालपुर की मंढैया, ढकिया गालमपुर व बाबूखेडा समेत 23 गांवों के लोग अपनी मांग को लेकर आन्दोलित हैं। इन लोगों को सम्भल जिला मुख्यालय जाने के लिए 66 किलोमीटर लंबी दौड़ लगानी पड़ रही है। आने जाने के लिए साधनों की दिक्कत है। इसलिए लोगों की मांग है कि उन्हें अमरोहा जिले में शामिल किया जाए।
राजस्व परिषद से नहीं हो सका समाधान
यह मामला राजस्व परिषद में भी पहुंचा लेकिन समाधान नहीं हो सका। इस बार चुनाव में यह मुद्दा चुनावी बन गया है। लोगों का कहना है कि अगर इन गांवों को अमरोहा जिले में शामिल नहीं किया जाता है तो वह चुनाव का बहिष्कार करेंगे। अपने जनप्रतिनिधि से इन सवालों को लेकर जवाब पूछेंगे। यह मांग लंबे अर्से से लंबित है लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं है। चुनाव के दौरान प्रत्याशी इस मांग के पूरे होने का आश्वासन देते हैं, चुनाव खत्म और मांग भी खत्म।
क्या कहते हैं ग्रामीण
अरविंद सिंह कहते हैं कि सम्भल जिला मुख्यालय की दूरी हमारे यहां से 65 किलोमीटर है। वहां जाने के लिए साधनों की कमी है। निजी वाहनों से जाना पड़ता है। काम न हो तो कई चक्कर लगाने होते हैं। मैं चाहता हूं कि हमारे गांवों को अमरोहा से जोड़ा जाए। लौटन सिंह का कहना है कि चुनाव में जो प्रतिनिधि वोट मांगने के लिए आएंगे, उनसे अपनी मांगों को लेकर सवाल पूछेंगे। जो नेता हमारी समस्या का समाधान कराएगा, उसके लिए वोटिंग करेंगे। अमरोहा निकट में है, इसीलिए हम अमरोहा में शामिल होना चाहते है।सरदार तेज सिंह कहते हैं कि अगर हमारी पंचायत को अमरोहा में शामिल नहीं किया जाता है तो हम लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे। जिम्मेदारों के साथ ही जनप्रतिनिधियों ने हमारी मांगों को लेकर गम्भीरता नहीं दिखाई। जिसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। नकुल सिंह ओलक का कहना है कि हमारी पंचायत में आने वाले गांवों को अमरोहा में शामिल किया जाए। जिससे हमारी दिक्कत दूर हो सके। हमनें अपनी मांगों को लेकर कई बार आन्दोलन किया लेकिन अभी तक समाधान नहीं हो सका है।
अमरोहा जिला मुख्यालय से नेकपुर न्याय पंचायत की दूरी 11 किमी है, जबकि सम्भल जिला मुख्यालय की दूरी 80 किमी है। यही हाल मढ़न और गुमसानी न्याय पंचायतों का है। मढ़न और गुमसानी से मुरादाबाद मुख्यालय की दूरी 20 किमी है, जबकि सम्भल जिला मुख्यालय की दूरी 70 से 80 किमी है। सीधे सम्भल जाने के लिए कोई साधन भी नहीं है।
लोग कर चुके हैं आंदोलन
सम्भल जिले की तीन न्याय पंचायतों के करीब पचास गांवों को पास के अमरोहा और मुरादाबाद जिले में शामिल करने की मांग को लेकर दो संगठन के लोग जगह-जगह पर आंदोलन कर चुके हैं। मंडलायुक्त कार्यालय पर भूख हड़ताल कर लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी भी दे चुके हैं। असमोली विकास खंड की न्याय पंचायत मढ़न व गुमसानी के 27 राजस्व गांवों को मुरादाबाद और नेकपुर न्याय पंचायत के 23 गांवों को अमरोहा में शामिल कराने को लेकर स्वाभिमान बचाओ संघर्ष समिति और ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन प्रदर्शन और मांग कर चुके हैं। दोनों समिति के संयोजक महावीर प्रसाद मौर्य, बबलू सिंह व गम्भीर सिंह के साथ ग्रामीण भूख हड़ताल पर भी बैठ चुके हैं। (Source Dainik Jagran)